Friday 1 September 2017

Class 9 Hindi Solution (Gujarat Board)

               17. तुलसी के पद (पद्य) -  तुलसीदास
भक्त तुलसीदास भगवान राम से कहते हैं कि हे प्रभु मैं आपके चरणों को छोड़कर और कहां जाऊं ? संसार में पतित पावन नाम और किस का है ? दिन दुखी लोग आपके सिवा और किसी प्रिय है ? आपके सिवा अन्य किस देव ने हट करके दुष्टों का उद्धार किया है और बड़प्पन पाया है ? पक्षी, मृग, पाषाण, पत्थर, जड़, वृक्ष, यवन को किस देवता ने तारा है ? देवता, राक्षस, मुनि, नाग (हाथी), मनुष्य यह सब माया के वशीभूत है और उसी के बारे में सोचते विचारते हैं I तुलसीदास कहते हैं कि प्रभु इनसे अपनापन जोड़ने से कोई लाभ नहीं है I

हे प्रभु, आप दयालु है तो मैं दिन अर्थात दया पात्र हूं I आप देनी है तो मैं भिखारी हूं I यदि मैं प्रसिद्ध पापी हूं तो आप जैसा पापों के समूह को नष्ट करने वाला दूसरा कोई नहीं है I आप अनाथों के नाथ है तो मुझ जैसा कोई अनाथ नहीं है I मेरे जैसा कोई दुखी नहीं है और आप जैसा कोई दुख दूर करने वाला नहीं है I हे प्रभु, आप ब्रम्ह है तो मैं जीव हूं I आप स्वामी है तो मैं आपका सेवक दास हूं I आप मेरे माता, पिता, गुरु, मित्र और सब तरह से मेरे हितेषी हैं I आप और मेरे बीच अनेक रिश्ते हैं I इनमें जो रिश्ता आपको पसंद हो वह मुझसे आप जोड़ सकते हैं I तुलसीदास जी कहते हैं कि है कृपालु मैं तो किसी तरह आपके चरणो के शरण पाना चाहता हूं I
+++++++++++++++++++++
एक वाक्य में उत्तर लिखिए :
तुलसीदास के मत से कौन पतित पावन है ?
तुलसीदास जी के मत से उनके स्वामी श्री राम पतित पावन है I भगवान को अति दीन कैसे लगते हैं ?
भगवान को अति दिन अति प्रिय लगते हैं I
भगवान ने हटकर के किन का उद्धार किया ?
भगवान ने हटकर के पक्षी, मृग,व्याध और यवन का उद्धार किया I माया के प्रति विवश होकर कौन-कौन सोचते हैं ?
देवता राक्षस, मुनि, नाग (हाथी) मनुष्य यह सब माया के प्रति विवश होकर सोचते हैं I
प्रभु दानी है तो कवि क्या है ?
प्रभु दानी है तो कवि भिखारी है I
कवि पाप पुंज हारी किसे कहते हैं ?
कवि भगवान श्रीराम को पाप पुंज हारी कहते हैं I
विस्तार सहित उत्तर लिखिए :
तुलसीदास जी प्रभु के चरणों को छोड़कर कहीं और क्यों नहीं जाना चाहते ?
भक्त तुलसीदास भगवान राम से कहते हैं कि हे प्रभु मैं आपके चरणों को छोड़कर और कहां जाऊं ? संसार में पतित पावन नाम और किस का है ? दिन दुखी लोग आपके सिवा और किसी प्रिय है ? आपके सिवा अन्य किस देव ने हट करके दुष्टों का उद्धार किया है और बड़प्पन पाया है ? पक्षी, मृग, पाषाण, पत्थर, जड़, वृक्ष, यवन को किस देवता ने तारा है ?
तुलसीदास ने अपने और भगवान के बीच कौन-कौन से संबंध जुड़े हैं ? क्यों ?
हे प्रभु, आप दयालु है तो मैं दिन अर्थात दया पात्र हूं I आप देनी है तो मैं भिखारी हूं I यदि मैं प्रसिद्ध पापी हूं तो आप जैसा पापों के समूह को नष्ट करने वाला दूसरा कोई नहीं है I आप अनाथों के नाथ है तो मुझ जैसा कोई अनाथ नहीं है I मेरे जैसा कोई दुखी नहीं है और आप जैसा कोई दुख दूर करने वाला नहीं है I हे प्रभु, आप ब्रम्ह है तो मैं जीव हूं I आप स्वामी है तो मैं आपका सेवक दास हूं I आप मेरे माता, पिता, गुरु, मित्र और सब तरह से मेरे हितेषी हैं I आप और मेरे बीच अनेक रिश्ते हैं I इनमें जो रिश्ता आपको पसंद हो वह मुझसे आप जोड़ सकते हैं I
तोहि मोहि नाते अनेक मानिए जो भावे का भावार्थ स्पष्ट कीजिए I भावार्थ स्पष्ट कीजिए :
हे प्रभु, आप ब्रम्ह है तो मैं जीव हूं I आप स्वामी है तो मैं आपका सेवक दास हूं I आप मेरे माता, पिता, गुरु, मित्र और सब तरह से मेरे हितेषी हैं I आप और मेरे बीच अनेक रिश्ते हैं I इनमें जो रिश्ता आपको पसंद हो वह मुझसे आप जोड़ सकते हैं I

देव दनुज मुनि नाग मनुज सब माया विवश बिचारे
इनके हाथ दास तुलसी प्रभु कहां अपनों पर हारे
देवता, राक्षस, मुनि, नाग (हाथी), मनुष्य यह सब माया के वशीभूत है और उसी के बारे में सोचते विचारते हैं I तुलसीदास कहते हैं कि प्रभु इनसे अपनापन जोड़ने से कोई लाभ नहीं है I
नाथ तू अनाथ को अनाथ कौन मोसो
मौसम आधारित नहीं आरती हरित ओशो
आप अनाथों के नाथ है तो मुझ जैसा कोई अनाथ नहीं है I मेरे जैसा कोई दुखी नहीं है और आप जैसा कोई दुख दूर करने वाला नहीं है I हे प्रभु, आप ब्रम्ह है तो मैं जीव हूं I आप स्वामी है तो मैं आपका सेवक दास हूं I आप मेरे माता, पिता, गुरु, मित्र और सब तरह से मेरे हितेषी हैं I आप और मेरे बीच अनेक रिश्ते हैं I इनमें जो रिश्ता आपको पसंद हो वह मुझसे आप जोड़ सकते हैं I
शब्द लिखिए
अधम - नीच
दनुज - राक्षस
मनोज - मनुष्य
पातकी - पापी
आरत - दुखी
चारों - सेवक
शब्द समूह के लिए एक शब्द बताइए
पापियों का उद्धार करने वाला ईश्वर
पाप उद्धारक
जिसकी रक्षा करने वाला कोई ना हो
अनाथ
+++++++++++++++++++++++++++++++++++++++++++
                          15. दाज्यू
स्वाध्याय
सही विकल्प चुन कर उत्तर लिखिए :
मदन का गांव किस पहाड़ी क्षेत्र में था ?
a) मसूरी b) शिमला c) दार्जिलिंग d) अल्मोड़ा
कहानी के अंत में नए ग्राहक हेमंत को मदन ने अपना नाम क्या बताया ?
a) मदन b) पहाड़ों c) बॉय d) बॉयश
एक एक वाक्य में उत्तर दीजिए :
मदन का गांव किस पहाड़ी क्षेत्र में था ?
मदन का गांव अल्मोड़ा के पहाड़ी क्षेत्र में था I
नए ग्राहक हेमंत को मदन ने अपना नाम क्या बताया ?
नए ग्राहक हेमंत को मदन ने अपना नाम बॉय बताया I
जगदीश बाबू के व्यवहार से मदन को चोट क्यों लगी ?
जगदीश बाबू के व्यवहार से मदन को चोट पहुंची क्योंकि, अपने प्रति उसके अपनेपन पर प्रहार किया था I
सविस्तार उत्तर दीजिए :
जगदीश बाबू को पहले पहले नए शहर आकर कैसा लगता था ?
जगदीश बाबू अपने गांव से बहुत दूर के शहर में आए थे I वह अकेले थे I यहां का वातावरण उनके गांव के वातावरण से बिल्कुल अलग था I गांव में यहां के चौक जैसी चहल पहल नहीं थी I वहां कैसे के जैसा शोरगुल नहीं था I उन्हें लगता था जैसे वो अपनेपन की सीमा से बहुत दूर गए हैं I इस तरह जगदीश बाबू को पहले-पहले नए शहर में आकर बहुत अकेलापन लगता था I
प्रारंभ में जगदीश बाबू का व्यवहार मदन के प्रति कैसा था ?
काफी मैं मदन से परिचय होने पर जगदीश बाबू इस नए शहर में अपना अकेलापन भूल गए थे I दो चार दिनों में मदन उन्हें दाज्यू दाज्यू कह कर पुकारते और वह भी उससे प्यार से पेश आते I उन दोनों में मौसम संबंधी बातें होती I मदन उनसे उनके कम खाने की शिकायत करता I मदन को वह अपने दाज्यू (बड़ा भाई) जैसे ही लगते थे I इस तरह प्रारंभ में जगदीश बाबू का मदन के प्रति व्यवहार बहुत स्नेहपूर्ण और अपनत्व से पूर्ण  था I
जगदीश बाबू ने मदन को दाज्यू कहने पर क्यों डांटा ?
मदन को अपने क्षेत्र का लड़का समझकर जगदीश बाबू को बहुत अच्छा लगा था I वह उन्हें बड़ा भाई कह कर संबोधित करता था लेकिन आखिरकार मदन काफी का एक बॉय था I जबकि जगदीश बाबू मध्यम वर्ग के एक प्रतिष्ठित व्यक्ति थे I मदन काफी में सबके सामने उन्हें दाज्यू कहता था ,यह जगदीश बाबू को पसंद नहीं आया I इससे उनकी प्रतिSta को धक्का पहुंचता था I इसलिए उन्होंने दाजू कहने पर मदन को डांटा I
दाज्यू कहानी में बाल मन की संवेदना का मार्मिक चित्रण हुआ है - समझाइए I
दाज्यू कहानी का मुख्य पात्र मदन 9-10 वर्ष का बाल मजदूर है I काफी में आए जगदीश बाबू से परिचय होने पर उसे बहुत खुशी हुई थी I वे उसके गांव के पड़ोसी गांव के थे जहां बड़े भाई को दाज्यू कहते थे I कोमल मन के मदन को ऐसा लगता था जैसे से उसका बड़ा भाई ही मिल गया था I दोनों के संबंध में बड़ी निकटता गई थी I लेकिन एक दिन दाज्यू कहने पर जब जगदीश बाबू ने उसे डांटा तो उसके कोमल मन पर गहरी चोट   लगी I  जिसे वह बड़ा भाई मानता था उसका बुरी तरह डांटना वह सहन कर सका I मैनेजर से सिर दर्द का बहाना करके वह सिसकिया भर भर के रोया I इसके बाद जगदीश बाबू उसके दाज्यू नहीं रहे वह उनके लिए सिर्फ बॉय रह गया I
++++++++++++++++++++++++++++++++++++++++++++++++++++
                भारतीय संस्कृति में गुरु शिष्य संबंध
स्वाध्याय

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक-एक वाक्य में लिखिए
1) प्राचीन काल में भारतीय शिक्षा केंद्र कैसे थे ?
प्राचीन काल में भारतीय शिक्षा केंद्र एक प्रकार के आश्रम अथवा मंदिर जैसे थे
2) जब रवींद्रनाथ ठाकुर को नोबेल पुरस्कार मिला तब बंगाली लोग कौन सा राग अलापने लगे ?
रवींद्रनाथ ठाकुर को नोबेल पुरस्कार मिला तब बंगाली लोगआमादेर ठाकुर , आमादेर कठोर सपूत’ राग करने लगे I
3)भगवान रामकृष्ण परमहंस वर्षों तक योग्य शिष्य पाने के लिए क्या करते थे ? 
भगवान राम कृष्ण परमहंस योग्य शिष्य पाने के लिए वर्षों तक रो-रोकर भगवान से प्रार्थना करते थे I
4) भगवान ईसा का कौन सा कथन सदा स्मरणीय है ?
भगवान ईसा का यह कथन सदा स्मरणीय है - मेरे अनुयाई मुझसे कहीं अधिक महान है और उनके जूतियां धोने लायक योग्यता भी मुझ में नहीं है I
5) गांधी जी किन है अच्छे लगते हैं ?
गांधीजी उन्हें अच्छे लगते हैं जिनमें गांधीजी बनने की क्षमता है और जो उनका अनुसरण करना चाहते हैं I

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर विस्तार से लिखिए
1) यूरोप के प्रभाव के कारण आज गुरु शिष्य संबंधों में क्या अंतर आया है ?
प्राचीन भारत में विद्यालय मंदिर के समान माने जाते थे I शिक्षा देना एक आध्यात्मिक कार्य था I पैसे देकर शिक्षा खरीदी नहीं जाती थी I परंतु वर्तमान भारत में शिक्षा व्यवसायिक हो गई है I गुरु वेतनभोगी हो गए हैं I विद्यार्थी शुल्क देकर शिक्षा प्राप्त करते हैं I आज का शिष्य गुरु में परमेश्वर का आरोप नहीं देखता I इस प्रकार यूरोप के प्रभाव के कारण आज गुरु शिष्य संबंधों में जमीन आसमान का अंतर गया है I
2) पुजारी की शक्ति मूर्ति में कैसे विकसित होने लगी ?
पत्थर की मूर्ति तो जड़ होती है I उसमें चेतना डालने का काम पुजारी करता है I मूर्ति की पूजा करने का अर्थ ही उसे चेतनवंत बनाना है I पूजा करते समय पुजारी की भावना में जितनी उत्कटता होगी ,मूर्ति उतनी ही प्रभावशाली होगी पुजारी के भाव पूजा की शक्ति से ही धीरे धीरे मूर्ति में शक्ति विकसित होने लगती है I
3) विवेकानंद और रविंद्र नाथ ठाकुर को इस देश में अधिक महत्व कब मिला ? 
विवेकानंद रामकृष्ण परमहंस के शिष्य थे I शुरुआत में उन्हें भारत में महत्वपूर्ण स्थान प्राप्त नहीं हुआ था I वह जब अमेरिका गए और उन्होंने वहां नाम कमाया तब भारत वासियों ने उन्हें सम्मान देना शुरू किया I इसी प्रकार रवींद्रनाथ ठाकुर को यहां कोई नहीं जानता था I उन्हें जब नोबल पुरस्कार से सम्मानित किया गया तब बंगाल वासियों ने उनके प्रतिभा पहचानी I वह बंगाल के नहीं सारे देश के लिए गौरव बन गए I
आशय स्पष्ट कीजिए
1) सम्मान पाने वालों से सम्मान देने वाले महान होते हैं I
सम्मान पाने वाले अपने किसी विशेष गुण के कारण सम्मानित होते हैं I जैसे हीरे के गुण की पहचान की जाए तो ही वह बहुमूल्य है I यदि पहचाना ना जाए तो वह भी एक पत्थर ही है I उसी तरह सम्मान पाने वालों की विशेषता को परख लिया जाए ,पहचान लिया जाए तो ही वह सम्माननीय है ,नहीं तो वह साधारण मनुष्य ही समझे जाएंगे I उनके विशेषता को समझ कर उन्हें प्रकाश में लाने वाले लोग हैं उनका सम्मान करते हैं I इसलिए सम्मान पाने वाले से भी सम्मान देने वाले अधिक महान होते हैं I
2) ‘जो गुरु से मार खाते हैं उनका भविष्य उज्जवल होगा ही I’
पढ़ाई के लिए विद्यार्थी का ध्यान पढ़ाई में होना जरूरी है I गुरु पढ़ा रहा है और विद्यार्थी का ध्यान कहीं और है तो वह जो पढ़ाया जा रहा है उसे ग्रहण नहीं कर सकता I गुरु के मार से विद्यार्थी का ध्यान पढ़ाई में लग जाता है I इस तरह जब वह एकाग्र होकर पड़ता है तो उसे सचमुच ज्ञान प्राप्ति होती है ,उसकी बुद्धि का विकास होता है और उसमें योग्यता आती है I ऐसा होने पर ही उसका भविष्य उज्जवल होने में संदेह नहीं रहता I
सूचना के अनुसार काल परिवर्तन कीजिए
1) इस में और मुझमें फर्क ही कुछ नहीं है I - भविष्य काल
इस में और मुझमें फर्क ही कुछ नहीं होगा I
2) हम अपने शिष्यों से कम प्रमुख रहे I - पूर्ण भूतकाल
हम अपने शिष्यों से कम प्रमुख रहे थे I
3) उपनिषदों में आचार्यों ने कहा है I - सामान्य भूतकाल
उपनिषदों में आचार्यों ने कहा I
मुहावरे का अर्थ लिखकर वाक्य में प्रयोग कीजिए
1) ताकते रहना - आश्चर्य से देखते रहना
मेरे हाथ में ट्रॉफी देखकर पिताजी मुझे ताकते रह गए I
2) पसीने की कमाई - कठिन परिश्रम का फल
इंजीनियरिंग कि यह डिग्री मेरे पसीने की कमाई है I
3) रंग जाना - गहरा प्रभाव पड़ना
विदेश में रह कर वह वही रंग में रंग गए I
विरुद्धार्थी शब्द बताइए
1) रोगी  X निरोगी
2) असहाय X असहाय
3) प्रारंभ X अंत
+++++++++++++++++++++++++++++++++++++++
                   Chapter 14 Sem 2
एक वाक्य में उत्तर दीजिए
प्रस्तुत कविता के रचनाकार का नाम बताइए
युग और मैं कविता के रचनाकार नरेंद्र शर्मा है
गगन और धरती से क्या हो रहा है
गगन से आग के गोले बरस रहे हैं और धरती से ज्वालाएं उठ रहे हैं सात समंदर में क्या हो रहा है
सात समंदर में हिंसा की आग से पानी खोल रहा है
काव्य शीर्षक का समानार्थी शब्द दीजिए
कविता और जमाना
संक्षेप में उत्तर लिखिए
बुद्धि और हाथ इस कार्य के लिए है
बुद्धि का काम संसार के अज्ञान को दूर करके यहां छाई जड़ता मिटाना है छाई छाई हाथों का काम बुद्धि के मार्गदर्शन में पृथ्वी को स्वर्ग की तरह सुंदर बनाना है ज्ञान और पृथ्वी की कैसी स्थिति हो रही है ज्ञान अपनी गहराई हो रहा है पृथ्वी दुख के समंदर में डूब रहे हैं
मानव की क्या स्थिति हो गई है
मानव ईश्वर बनने का प्रयास कर रहा है उसे सारी सृष्टि पर अपना नियंत्रण स्थापित करना था परंतु आज वह सब छोड़ कर अपने ही विनाश में लग गया है
कविता के ह्रदय में कैसी व्यथा है
कभी संसार में हो रहे संसार संसार सहार के दृश्य को देख कर बहुत दुखी है उसे लगता है ऐसी स्थिति में उसकी चिंता करने वाला कोई नहीं है उसकी करुण कथा को सुनने में किसी की दिलचस्पी नहीं है कभी अपनी पीड़ा के घुट पी रहे हैं और उसी में अपनी भलाई समझते हैं
युग और मैं कविता का संदेश लिखिए
युग और मैं कविता में कवि ने संसार की स्थिति के संदर्भ में अपनी स्थिति देखी है कभी कहता है कि पहले मनुष्य अपनी मामूली पीड़ा को भी बड़ी मानने लगता है उसे लगता है कि उसके अस्तित्व का कोई महत्व नहीं है दुनिया की स्थिति देखकर मनुष्य को कभी हताश और निराश नहीं होना चाहिए उसे आत्मविश्वास पूर्वक पूर्ण जीने का प्रयत्न करना चाहिए
विरोधी शब्द लिखिए
अस्ति नास्ति
अंगार ओला
समुंदर धरती
निम्नलिखित शब्दों के समानार्थी शब्द लिखकर उनका वाक्य में प्रयोग कीजिए
अनगिनत असंख्य
गगन आकाश
दुनिया संसार
निखिल संपूर्ण
तहस-नहस बर्बाद
आपा अभिमान
++++++++++++++++++++++++++++++++++++++++++
Chapter 13 Sem 2
रहीम जी कहते हैं कि पेड़ अपने फल खुद नहीं खाते हैं और सरोवर अपना पानी नहीं पीते I इसी प्रकार ज्ञानी पुरुष परोपकार के लिए ही धन संपत्ति का संग्रह करते हैं I

रहीम जी कहते हैं कि जब मनुष्य के पास संपत्ति होती है तब लोग तरह तरह से उसके सगे बन जाते हैं उस से रिश्ता जोड़ लेते हैं I लेकिन सच्चे मित्र तो वह है जो विपत्ति के समय साथ देते हैं I

रहीम जी कहते हैं कि बड़ो को देखकर छोटों की उपेक्षा नहीं करनी चाहिए I जो काम सुई कर सकती है क्या वह तलवार कर सकती है ?

रहीम जी कहते हैं कि असहाय और गरीब लोग सब को आशा भरी नज़रों से देखते हैं पर उनकी और कोई नहीं देखता उन पर कोई दया दृष्टी नहीं रखता I जो असहाय और गरीबों पर दया दृष्टी करता है वह सचमुच भगवान के समान होता है I

खीरा को खाने से पहले उसका सिर यानी की ऊपरी भाग काटकर अलग कर देना चाहिए I फिर उसके कटे भाग पर नमक मिलना चाहिए I रहीम जी कहते हैं कि कड़वे मुख वाले को यही सजा मिलनी चाहिए इस अपराध का यही दंड है I

रहीम जी कहते हैं कि उत्तम स्वभाव वाले लोग बुरी संगति में रहे तो भी उसका उन पर प्रभाव नहीं पडता I ठीक उसी प्रकार जैसे भयंकर विष वाले सांप चंदन के पेड़ से लिपटे रहते हैं परंतु चंदन के मैं उनका विश नहीं फैलता I

रहीम जी कहते हैं कि बिगड़ी बात लाख प्रयत्न करने पर भी सुधर नहीं पाती I ठीक उसी तरह जैसे फटे दूध से जमाई गए दही को कितना ही मतI जाएं उस में से मक्खन नहीं निकलता है I

रहीम जी कहते हैं कि यदि आपत्ती थोड़े समय के लिए हो तो अच्छी है क्योंकि उस थोड़े से समय में हम समझ जाते हैं कि कौन हमारा हितकारी है और कौन aहितकारी है I

रहीम जी कहते हैं कि वह मनुष्य तो ( जिंदा होते हुए भी) मरे हुए हैं जो दूसरों के दरवाजे मांगने जाते हैं परंतु उनसे भी पहले वह मर गए जिनके मुख से नहीं शब्द निकलता जो मांगने वालों को देने से इनकार कर देते हैं I

EXERSICE
1) रहीम के अनुसार संपत्ति का महत्व क्या है ?
रही रहीम के अनुसार संपत्ति का यह महत्व है कि उससे दूसरों का भला होता है I
2) छोटों का तिरस्कार क्यों नहीं करना चाहिए ?
छोटों का तिरस्कार नहीं करना चाहिए क्योंकि जो काम भी करते हैं वह बड़े नहीं कर सकते हैं I
3) सुई का काम कौन नहीं कर सकता ?
सुई का काम तलवार नहीं कर सकते
4) उत्तम प्रकृति का क्या लक्षण है ?
उत्तम प्रकृति का यह लक्षण है की बुराई के बीच रहकर भी वह अपनी अच्छाई नहीं
छोड़ती I
5) मांगने के बारे में रहीम क्या कहते हैं ?
रहीम जी कहते हैं कि मांगना मृत्यु के समान हैं I

1) वृक्ष और सरोवर के उदाहरण से रहीम हमें क्या समझाते हैं ?
वृक्ष अपने फल स्वयं नहीं खाते I सरोवर अपना पानी स्वयं नहीं पीती I रहीम जी कहते हैं कि हमें भी इन से प्रेरणा लेनी चाहिए I अपनी जमा की गई धन संपत्ति का उपयोग हमें केवल अपने सुख के लिए नहीं करना चाहिए I हमें उसके द्वारा दूसरों की भलाई भी करनी चाहिए I

2) रहीम कड़वे मुख वाले मनुष्य की प्रकृति को कैसे समझाते हैं ?
ककड़ी के फल में कड़वापन होता है I कुछ लोगों की ज़ुबान कड़वी होती है I वह हमेशा कड़वी बोल ही बोलते हैं I वह यह नहीं सोचते कि उनकी कड़वी वाणी सुनने वालों को कितनी चोट पहुंचते हैं I ऐसे लोगों का मुंह ककड़ी के मुंह के समान होता है कटु वाणी बोल कर दूसरे के जीवन को चोट पहुंचाना अपराध है I इसलिए ककड़ी का मुंह काट कर उस पर नमक लगाने जैसी सजा ककड़ी को दी जाती है वैसी ही सजा इन कड़वी जुबान वालों को भी देनी चाहिए I

3) लाख प्रयत्न करने पर भी बिगड़ी हुई बात नहीं बनती ऐसा रहीम जी किस उदाहरण से समझाते हैं ?
किस किसी कारण से बात बिगड़ जाए तो उसे सुधारना बड़ा मुश्किल होता है I इसे समझाने के लिए रहीम जी फटे हुए दूध का उदाहरण देते हैं I फटे हुए दूध से जमाई गए दही से मक्खन बनाने की शक्ति समाप्त हो जाती है I फिर उसे कितना भी मत जाए उस में से मक्खन नहीं निकलता I रहीम जी कहते हैं कि बिगड़ी हुई बात फटे हुए दूध जैसी होती है I उसे सुधारने के लिए कितने भी प्रयत्न किया जाए वह नहीं सुधरती I

1) रहिमन देखि बड़ेन को लघु दीजिए डारि
लोग पहले बड़ों को महत्व देते हैं I समाज में धनी-मानी लोगों को आदर सम्मान दिया जाता है I गरीबों को लोग उपेक्षा की दृष्टि से देखते हैं उपयोगिता की दृष्टि से देखें तो गरीब लोगों का काम भी कम महत्व का नहीं होता I किसान मजदूर तथा छोटे काम करने वाले देश की बहुमूल्य सेवा करते हैं वह उच्चतम के वाले नहीं कर सकते I इसलिए हमें बड़े लोगों को मान देते समय निम्न स्तर के लोगों की उपेक्षा नहीं करनी चाहिए I

2) चंदन विष व्यापत नहीं लिपटे रहत भुजंग
चंदन के पेड़ पर सांप लिपटे रहते हैं I इसके बावजूद चंदन का पेड़ सांपों के विष से प्रभावित नहीं होता I सांपों के संग से उसकी सुगंधी में कोई अंतर नहीं पड़ता इसी प्रकार उत्तम स्वभाव के लोग बुरी संगति में रहकर भी उससे प्रभावित नहीं होते I वह अपने गुणों से अपराधियों को प्रभावित करके उनका जीवन बदल देते हैं I

                   ++++++++++++++++++++++++


Chapter - 11
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक-एक वाक्य में लिखिए I
1) लेखक को ग्वालियर क्यों जाना पड़ा ?
लेखक को एक डॉक्टर से मिलने के लिए ग्वालियर जाना पड़ा I
2) लेखक के ना कहने पर भी ऑटो वाला उनका इंतजार क्यों करने लगा ?
लेखक के ना कहने पर भी ऑटोवाला उनका इंतजार करता रहा क्योंकि वह उन्हें होटल तक भी पहुंचाना चाहता था I
3) लड़की ने मोहन से की गई आते हुए क्या कहा ?
लड़की ने लिखी आते हुए मोहन से कहा मुझे बचा लो I
4) मोहन लड़की से विवाह करने को क्यों तैयार हो गया ?
लड़की सुंदर और परिचित थी शादी ना करें तो उसकी जिंदगी खतरे में पड़ने की संभावना थी इसलिए मोहन उस से विवाह करने के लिए तैयार हो गया I
5) थानेदार की क्या विशेषता थी ?
थानेदार की यह विशेषता थी कि वह कभी भी था और उस की कविताएं मानवीय संवेदना से भरी होती थी I
6) मोहन ने ज्यादा पैसे लेने से क्यों इंकार किया ?
मोहन ने ज्यादा पैसे लेने से इनकार किया क्योंकि लेखक दंपति से मिला प्रेम उसके लिए पैसों से बढ़कर था I
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दो या तीन वाक्य में लिखिए I
1) लेखक ने ऑटो वाले की बात को स्वीकृति क्यों दी ?
लेखक ने ऑटो वाले की जिद और आवाज में एक प्रकार का आकर्षण महसूस किया I उससे प्रभावित होकर उन्होंने उसके रिक्शा में बैठने की स्वीकृति दी I
2) मोहन की पारिवारिक स्थिति क्या थी ?
मोहन का घर आगरा में था I मां बाप के गुजर जाने के बाद बड़े भाई ने उसकी परवरिश की थी I बड़ा भाई वकील था और शादीशुदा था I मोहन b.a. पास करने के बाद नौकरी खोज रहा था I
3) लड़की किस बात के लिए तैयार नहीं थी  ? क्यों ?
लड़की के मां बाप उसे एक अधेड़ के हाथ बेच रहे थे I लड़की और घोसट के साथ जाने को तैयार नहीं थी क्योंकि इससे उसकी जिंदगी बर्बाद होने की संभावना थी I
4) लेखक मोहन को बहुत बड़ा क्यों बताते हैं ?
बड़े-बड़े लोग नारी हित की बातें करते हैं पर उन्हें व्यवहार में नहीं लाते I इसके बदले मोहन ने एक लड़की को पत्नी बनाकर उसे दुर्दशाग्रस्त होने से बचा लिया I इसी मानवता पूर्ण साहस के कारण लेखक उसे बहुत बड़ा बताते हैं I

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर 5 या 6 वाक्यों में लिखिए I
1) लेखक यात्रा से क्यों डरते थे ?
लेखक यात्रा प्रिय नहीं थे I यात्रा पर निकलते समय वह सोचते के रास्ते में जाने कैसे-कैसे लोग मिलेंगे I नए शहर के लोगों का कैसा व्यवहार होगा I सबसे अधिक परेशानी उन्हें ऑटोवाले के बारे में सोचकर होती थी I नए शहर के ऑटो वाले मनमाना किराया मांगेंगे I इन्हीं कारणों से लेखक यात्रा से डरते थे I
2) मोहन का चरित्र चित्रण कीजिए I
मोहन b.a. Pass शिक्षित युवक है I उसकी आकर्षक और अपनेपन से भरी वाणी परायों को भी अपना बना लेती है I वह धन से अधिक आत्मीय संबंधों को महत्व देता है I संकट में पड़ी एक लड़की को अपनाकर वह अपने साहस और मानवता का परिचय देता है I उसे अपनाने में वह अपने पारिवारिक रिश्ते की बलि देने में भी संकोच नहीं करता I अपने इन्हीं गुणों के कारण मोहन लेखक की नज़रों में बहुत ऊंचा उठ जाता है I
3) लेखक के साथ मोहन ने अपनापन कैसे जताया ?
मोहन ने शुरू से ही अपने प्रेम पूर्ण व्यवहार से लेखक का दिल जीत लिया था I वह लेखक को बाबूजी और उनकी पत्नी को अम्मा कहता था I स्टेशन पर विदा होते समय लेखक ने उसे 500रु देने चाहे तो मोहन ने लेने से इंकार कर दिया I लेखक और उनकी पत्नी को पाकर उसे लगा जैसे उसे मां-बाप मिल गए हैं I वह सुख के सामने उसे पारिश्रमिक के पैसे लेना तुच्छ लगा I पारिश्रमिक के पैसे लेने में उसे एक तरह का परायापन महसूस हुआ I लेखक को अपना फोन नंबर देखकर उसमें उनसे संपर्क बनाए रखने का आग्रह किया I इस प्रकार लेखक के साथ मोहन ने अपनापन जताया I
निम्नलिखित विधान किसने किससे और क्यों कहे ?
1) इससे विवाह करना प्रीतिकर भी होगा और मानवीय भी I
यह विधान मोहन ने थानेदार से कहा क्योंकि लड़की सुंदर और परिचित थी I
2) भाई हर क्षेत्र में कोई ना कोई मसीहा दिखाई पड़ ही जाता है I
यह विधान लेखक ने मोहन से कहा है क्योंकि थानेदार ने लड़की की शादी कराने में मदद की थी I
3) मुझे इतना पराया ना कीजिए बाबूजी I
यह विधान मोहन ने बाबू जी से कहा है क्योंकि वह मोहन को आग्रह कर पारिश्रमिक दे रहे थे I
निम्नलिखित मुहावरों का अर्थ लिखकर वाक्य में प्रयोग कीजिए  I
1) पाला पड़ना - संबंध जोड़ना जुड़ना
मुझे पता नहीं था कि तुम जैसे लोगों से मेरा पाला पड़ेगा I
2) असमंजस में पड़ना - उलझन में पड़ जाना
आप कहां इलाज कर आएंगे ऐसा पूछने पर पिताजी असमंजस में पड़ गए I
3) दामन थाम लेना - आश्रय लेना
बड़े भाई का दामन थाम कर वह शहर में रहने लगा I
निम्नलिखित शब्दों के विरुद्धार्थी शब्द लिखिए
वांछित -- अवांछित
परिचित -- अपरिचित
समस्या -- समाधान
मसीहा -- शैतान
प्रीति -- नफरत
संतोष -- असंतोष
शोषण -- पोषण
++++++++++++++++++++++++++++++++
Chapter - 12
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक-एक वाक्य में लिखिए
1) रानी कौन सी साहित्यिक विधा है ?
रानी रेखाचित्र साहित्यिक विधा है I
2) लेखिका ने रानी के अलावा और कौन-कौन से चरित्र लिए हैं ?
महादेवी वर्मा ने रानी के अलावा रोजी कुत्तिया और निक्की नेवला के चरित्र लिए हैं I
3) लड़कों ने श्रुति पत्र स्मृति पत्र में किस अन्याय की बात लिखी थी ?
लड़कों ने कृति स्मृति पत्र में लिखा था कि जैसा अंग्रेज बच्चों के पास छोटा घोड़ा होता है वैसा अपने पास नहीं होना वह अन्याय की बात है I
++++++++++++++++++++++++++++++++++++

Poorak Vachan – 1 Viman Se Chhalang
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दो या तीन वाक्यों में लिखिए
1) रानी के साथ मित्रता स्थापित करने के लिए कैसे प्रयास किए गए ?
धीरे-धीरे रानी से बच्चों की नाराजगी दूर होने लगी वह उसकी गर्दन में झूलने लगे उसके कानों और अयाल में फूल सोचने लगे पहुंचने वह उसे बिस्कुट और मिठाइयां खिलाने लगे I
2) रानी की पीठ पर सवारी करने पर कौन सी दुर्घटना घटित हुई ? क्यों ?
एक बार महादेवी रानी की नंगी पीठ पर बैठी उसी समय उनके भाई ने अपने हाथ की पतली टट्टी संटी रानी के पैरों पर मार दी इससे रानी बहुत तेज भागने लगी महादेवी देर तक खुद को नहीं संभाल सकी और नीचे गिर पड़ी संटी लगने से रानी के स्वाभिमान पर चोट लगी और वह भागने लगी I

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर विस्तार से लिखिए
1) विमान से छलांग लगाने की पूर्व तैयारी का वर्णन कीजिए :
विमान से छलांग लगाने के लिए सभी प्रशिक्षणार्थी विमान में बैठ गए विमान उन्हें लेकर ऊपर उठने लगा उड़ते-उड़ते वह उस ऊंचाई पर पहुंच गया जहां से प्रशिक्षणार्थियों को छलांग लगानी थी वह सब पूरी हिम्मत के साथ विमान के दरवाजे के पास पहुंच गए वह अपने पैराशूट हेलमेट आदि के साथ पूरी तरह तैयार थे अब बस उन्हें गो की आवाज का इंतजार था इस आवाज के साथ उन्हें एकदम कूदना था उनका पूरा ध्यान उसी पर केंद्रित था इस प्रकार विमान से छलांग लगाने की पूर्व तैयारी हो गई थी

2) पैराट्रूपर को छलांग लगाने के लिए कैसे तैयार किया जाता है ?
पैराट्रूपर को विमान से छलांग लगाने का एक महीने तक प्रशिक्षण दिया जाता है पहले ग्राउंड में ट्रेनिंग दी जाती है इस दरमियान पैराशूट के बारे में जानकारी दी जाती है इसके बाद ऊंचे प्लेटफार्म से कूदने का अभ्यास कराया जाता है इसे फैन जंप कहते हैं यह सब सीखते सीखते प्रशिक्षणार्थी का ऊपर से कूदने का डर कम होता जाता है इस 1 महीने की ट्रेनिंग के बाद प्रशिक्षणार्थी का मनोबल पर्याप्त बढ़ जाता है इस प्रकार पैराट्रूपर्स को छलांग लगाने के लिए तैयार किया जाता है I
++++++++++++++++++++++++++++++++

Poorak Vachan – 2 Rashtra Ka Swaroop
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर विस्तार से लिखिए
1) लेखक ने राष्ट्र का क्या स्वरूप बताया है ?
अथवा
किन-किन बातों से राष्ट्र का स्वरूप निश्चित होता है ?
भूमि भूमि पर बसने वाले लोग और संस्कृति इन तीनों के मेल से राष्ट्र का स्वरूप बनता है
प्रत्येक राष्ट्र पृथ्वी के एक निश्चित भाग पर अपना अधिकार रखता है उस भूभाग में छिपी कीमती धातुओं रत्नों नदियों पर्वतों और वनों का उस राष्ट्र से गहरा संबंध होता है राष्ट्र का दूसरा अंग उसके निवासी है वह अपने अपनी धरती को अपनी माता मानते हैं उनकी यह भावना ही राष्ट्रीयता और एकता का आधार है राष्ट्र का तीसरा अंग संस्कृति है संस्कृति राष्ट्र के जीवन का सौंदर्य है
इस प्रकार भूमि जन और संस्कृति इन तीन चीजों से राष्ट्र का स्वरूप बनता है I

2) राष्ट्र और उसकी धरती का क्या संबंध है ?
अथवा
राष्ट्र के स्वरूप में उसकी धरती का क्या महत्व है ?
प्रत्येक राष्ट्र अपनी धरती से प्यार करता है अपनी धरती से ही उसे अन्य जल विविध धातुओं और बहुमूल्य रत्न मिलते हैं अपनी धरती के पर्वतों नदियों और समुद्रों से उसे लगाव होता है अपनी धरती के प्रति राष्ट्र जितना जागृत होता है उसकी राष्ट्रीयता उतनी ही बलवती होती है जो राष्ट्रीयता राष्ट्र के साथ जुड़ी नहीं होती वह निर्मल होती हैं राष्ट्र की धरती ही राष्ट्रीय विचारधारा की जननी है इसलिए राष्ट्र के स्वरूप पर उसका महत्व बहुत है I

3) राष्ट्र के स्वरूप में पृथ्वी और जन के बीच क्या संबंध होता है
अथवा
धरती के प्रति माता का भाव क्यों होना चाहिए ?
धरती और उस पर बसने वाले लोग मिलकर राष्ट्र कहलाते हैं राष्ट्र के निवासी जिस धरती पर जन्म लेते हैं वह उनकी माता है माता और पुत्र की यह भावना ही राष्ट्रीयता की कुंजी है मातृभूमि के प्रति गहरा लगाव राष्ट्र के भवन की नींव मजबूत करता है यही राष्ट्र के लोगों में कर्तव्य और अधिकार की भावना जगाता है इसी के कारण वह अपने देश की सेवा करते हैं उसकी रक्षा के लिए वह अपना बलिदान भी देते हैं इस प्रकार धरती और उसके लोग के बीच अटूट संबंध होता है I

4) लेखक ने जन और संस्कृति के बीच का संबंध क्या बताया है ?
जन और संस्कृति के बिना राष्ट्र का स्वरूप नहीं बन सकता बिना संस्कृति के जन्म की कल्पना नहीं की जा सकती संस्कृति ही जन का मस्तिष्क होती है यदि जन वृक्ष है तो संस्कृति उस पर खिलने वाला पुष्प है संस्कृति राष्ट्र के निवासियों को जोड़ती है वह उनमें आत्मीयता पैदा करती हैं साहित्य कला नृत्य लोकगीत धर्म विज्ञान के रूप में संस्कृति राष्ट्र के लोगों के मानसिक विकास के दर्शन कराती है संस्कृति के बिना जन वैसा ही है जैसे सिर के बिना धड़ इस प्रकार लेखक ने जन्म और संस्कृति के बीच अभिन संबंध बताया है I

5) राष्ट्र के स्वरूप में संस्कृति का क्या महत्व है ?
मनुष्य और धरती की तरह संस्कृति भी किसी राष्ट्र का आवश्यक अंग है यदि धरती और मानव को अलग कर दिया जाए तो राष्ट्र का स्वरूप ही नहीं बन सकता संस्कृति के सौंदर्य और सुगंध में ही राष्ट्र के लोगों का जीवन सौंदर्य छिपा हुआ है संस्कृति के रूप में राष्ट्र के जीवन का विकास प्रकट होता है एक राष्ट्र में कई संस्कृतियां मिलजुल कर रह सकती है उनके मेल से एक राष्ट्रीय संस्कृति बनती है राष्ट्रीय और उसके निवासी अपनी संस्कृति पर गर्व करते हैं इस प्रकार राष्ट्र के स्वरूप में संस्कृति का महत्वपूर्ण स्थान है I

6) राष्ट्र की विभिन्न संस्कृतियों के बारे में लेखक का क्या मंतव्य है ?
लेखक कहता है कि धर्म जाति और भाषा के आधार पर एक राष्ट्र में अलग-अलग संस्कृतियों हो सकती है पर यह जरुरी नहीं कि इनमें विरोध हो जंगल में जिस प्रकार अनेक लता वृक्ष आदि एक दूसरे का विरोध किए बिना फलते-फूलते हैं उसी तरह राष्ट्र के लोग भी अपनी अपनी संस्कृति के द्वारा एक दूसरे के साथ मिल जुल कर रहते हैं जिस तरह अलग-अलग नदियों का पानी समुद्र में मिलकर एक हो जाता है उसी प्रकार एक राष्ट्र की विविध संस्कृति या मिल-जुलकर राष्ट्रीय संस्कृति का रुप ले लेती है यह बाहर से अलग अलग होकर भी भीतर से एक ही होती है I

8) राष्ट्रीय जीवन के स्वास्थ्य से आप क्या समझते हैं उसकी रक्षा कैसे की जा सकती है ?
जिस तरह स्वस्थ शरीर ही मनुष्य को सुख शांति और सफलता दे सकता है उसी तरह स्वस्थ राष्ट्र ही स्वतंत्र सार्वभौम और स्वाभिमानी रह सकता है राष्ट्रीय स्वास्थ्य उसके निवासियों के जीवन विचार भावनाओं पर आधारित है I
राष्ट्र को स्वस्थ रखने के लिए यह जरूरी है कि राष्ट्र के लोग हमेशा सचेत रहें वह परस्पर एकता शत्रु भाव भाईचारे और सौहार्द से रहे वह सहिष्णु और उधार रहे और राष्ट्र की विभिन्नताओं मैं भी एकता का आनंद लें I
लेखक के अनुसार वैज्ञानिक ज्ञान उद्धम परस्पर प्रेम और राष्ट्रीय भावना के बल पर राष्ट्र के स्वास्थ्य की रक्षा की जा सकती है  I




x

4 comments:

  1. Please give me chapter number 19 mahakavi kalidas

    ReplyDelete
  2. Thanks alot 🙏🏻🙏🏻plz upadate other lessons too

    ReplyDelete
  3. I want new maths ncert paper of std 5th 2nd semester

    ReplyDelete
  4. Std 5th maths sample questions paper of 2nd semester (ncert maths)

    ReplyDelete