Wednesday, 14 February 2018

Class 9 CHAPTER 22 23 24


CHAPTER 24 KABIR KE DOHE
 कस्तूरी हिरण की नाभि में रहती है I फिर भी वह उसे जंगल में इधर उधर ढूंढता फिरता है I उसी तरह राम अर्थात परमात्मा सब के ह्रदय में वास करता है पर लोग इस सत्य को समझ नहीं पाते और वह यहां-वहां भटकते हैं I यहां कबीर ने ईश्वर की सर्वव्यापकता की ओर संकेत करते हुए ईश्वर को मंदिर मस्जिद तीर्थों आदि में ना ढूंढकर ह्रदय में ढूंढने का उपदेश दिया है I
 हे परमात्मा , मेरे अंदर जो कुछ है वह मेरा नहीं है I जो भी कुछ है वह तुम्हारा है I जो तुम्हारा है उसे मैं तुम्हीं को सकता हूं I क्योंकि उस में से किसी से भी मेरा कोई संबंध नहीं है I
 संत के मिलने पर सुख का अनुभव होता है और दुष्ट के मिलने पर मन दुखी होता है I इसलिए संत की सेवा कीजिए उससे तुम्हारा जन्म सफल होगा I यहां कबीर ने संत और दुष्ट का अंतर बताते हुए संत सेवा की महिमा बताई है I
 कबीर कहते हैं कि लोग हिरण की चोरी करते हैं और सुई का दान देते हैं I फिर भी ऊंची छत पर चढ़कर देखते हैं कि उनके लिए स्वर्ग से आने वाला विमान अभी कितना दूर है और प्रामाणिक ढंग से ढेर सारा कमाकर जरा सा दान देने वालों की मूर्खता की ओर इशारा करते हुए उन पर व्यंग किया है I
 सोना सज्जन और साधु लोग रूठने पर भी बार-बार जोड़ते रहते हैं I सज्जन अच्छे लोगों से संबंध बनाकर उसे कायम रखते हैं जबकि दुर्जन लोगों का व्यवहार इसे उल्टा होता है जैसे जरा सी दरार वाले मटके को थोड़ा धक्के मारने पर टूट जाता है I उसी तरह दुर्जन व्यक्ति टूटते हुए संबंध को पूरी तरह तोड़ देने में संकोच नहीं करते I यह कबीर ने सज्जन और दुर्जन के स्वभाव का अंतर बताया है I सज्जन जोड़ने और दुर्जन तोड़ने की बुद्धि रखता है I
 रुखा सुखा खाकर और ठंडा पानी पीकर संतोष मान लो I लेकिन दूसरों के जी से चुपके हुई रोटी देख कर मन को मत ललचाए I चुपड़ी ललचाए यहां कबीर ने आत्म संयम और संतोष रखने की सीख दी है I
 कबीर कहते हैं कि इस संसार में रत्न जैसी बहुमूल्य पांच वस्तुएं हैं I इन्हीं में संसार का सार समाया हुआ है I यह वस्तुएं हैं साधु का मिलना सत्संग हरि भजन दया की भावना नम्रता और परोपकार I कबीर के अनुसार इन 5 बातों को अपनाने से मनुष्य सुख शांति से भवसागर पार कर सकता है I
 कंकड़ पत्थर जोड़ कर मस्जिद बनाई और उस पर चढ़कर --- बांध देने लगा I जोर से खुदा को पुकारने लगा I कबीर पूछते हैं कि खुदा क्या बहरा हो गया है ? जो उसे इस तरह जोर से पुकारने की जरूरत पड़ती है I सर भगवान हृदय में है I उसका स्मरण मन में करना चाहिए I आडंबर से दूर रहना चाहिए I
 दुख में सब लोग भगवान को याद करते हैं I सुख में उसे कोई याद नहीं करता I यदि सुख में भगवान को याद किया जाए तो दुख आए ही क्यों ?
 कबीर कहना चाहते हैं कि चाहे दुख हो या सुख भगवान का हमेशा स्मरण करना चाहिए I गाय हाथी घोड़े और खान से मिलने वाले रत्न आदि धन माने जाते हैं I परंतु जब संतोष रूपी धन प्राप्त हो जाता है I तब यह सभी धन धूल के समान तुच्छ हो जाते हैं I यहां कबीर ने संतोष का महत्व बताया है I
स्वाध्याय
एक वाक्य में उत्तर दीजिए :
मृग कस्तूरी को कहां ढूंढता है ?
मृग कस्तूरी को वन में इधर-उधर ढूंढता है I
हमारा जन्म कृतार्थ करने के लिए किस की सेवा करनी चाहिए ?
हमारा जन्म कृतार्थ करने के लिए हमें संतों की सेवा करनी चाहिए I
भवसागर करने के लिए कौन-कौन से पांच तत्व है ?
भवसागर करने के लिए यह पांच तत्व है साधु का मिलना सत्संग हरि भजन दया की भावना नम्रता और परोपकारI
सबसे श्रेष्ठ धर्म कौन सा है ?
सबसे श्रेष्ठ धन संतोष है I
22. वीरों का वसंत कैसा हो
हिमालय पुकार कर पूछ रहा है ; सागर भी गरज-गरज कर बार-बार कह रहा है; पूर्व , पश्चिम, पृथ्वी , आकाश सब यही पूछ रहे हैं कि वीरों का वसंत कैसा होना चाहिए ?
 सरसों में फूल गए हैं I उनसे वातावरण को पीला रंग मिल गया है I कामदेव अपनी मदिरा लेकर पहुंचा है I पृथ्वी भी मधु जैसी सजकर प्रसन्न हो रही है I लेकिन वीर पुरुष को इसमें दिलचस्पी नहीं है I वह वीर वेश धारण कर यह बताना चाहता है कि वसंत कैसा होना चाहिए ?
 इधर कोयल ताने भर-भरकर कुक रही है और उधर युद्ध के बाजे बज रहे हैं I एक और वसंत का रंग है और दूसरी और युद्ध की तैयारी है I ऐसा लगता है जैसे आदि और अंत के रूप में जीवन के दो पहलू मिलने आए हैं और पूछ रहे हैं कि वीरों का वसंत कैसा होना चाहिए ?
 है अतीत ! अब तुम चुप मत रहो और वीरों के वसंत के असली रूप के बारे में बता दो I हे लके, तुम भी बता दो कि तुम में हनुमान ने आग क्यों लगाई थी ? है कुरुक्षेत्र , तुम भी जा कर बता दो कि महाभारत का युद्ध क्यों हुआ था ? तुम सबको बता दो कि वीरों का वसंत कैसा होना चाहिए ?
 हल्दीघाटी के पत्थरों और शिवगढ़ के मजबूत किले महाराणा प्रताप और तानाजी के स्वाभिमान को याद कर अपने समय की यादें फिर से ताजा कर दो और बता दो कि वीरों का वसंत कैसा होना    चाहिए ?
 आज भूषण अथवा चंदबरदाई जैसे वीर रस के कवि नहीं है I ऐसे छंद भी नहीं है जिन्हें सुनकर लोगों में बिजली भर जाए I इसके अतिरिक्त हमारी कलम पर भी पाबंदी लगाई है I खुलकर कुछ लिखना भी संभव नहीं है I दुर्भाग्य है I फिर हमें कौन बताए कि वीरों का वसंत कैसा होता है ?
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स्वाध्याय
एक एक वाक्य में उत्तर दीजिए :
बार-बार कौन गरजता है ?
बार बार समुद्र गरजता है I
प्रकृति के तत्व क्या पूछ रहे हैं ?
प्रकृति के तत्व पूछ रहे हैं के वीरों का वसंत कैसा होना चाहिए I
वधु वसुधा में क्या परिवर्तन आया ?
वसुधा रूपी वधू का अंग अंग पुलकित हुआ है I
कभी कुरुक्षेत्र से क्या कहते हैं ?
कभी कुरुक्षेत्र से कहते हैं कि तुम जाकर देशवासियों को अपने अनंत अनुभव के बारे में बताओ I
कवि की कलम की क्या विवशता है ?
कवि की कलम की यह विवशता है कि वीरों का वसंत कैसा हो यह कुछ खुलकर लिखने की उसे अनुमति नहीं है I
निम्नलिखित प्रश्नों के दो-तीन वाक्य में उत्तर लिखिए :
वीरों का कैसा है वसंत ऐसा कौन-कौन पूछ रहे हैं ?
वीरों का कैसा हो वसंत ऐसा हिमालय पर्वत, सागर, पूर्व पश्चिम दिशा ,पृथ्वी और आकाश यही प्रश्न पूछ रहे हैं I
कह दे अतीत अब मौन त्याग ऐसा कवि ने क्यों कहा है ?
देश के इतिहास में वीरता और पराक्रम दिखाने वाले अनेक शूरवीर हो गए हैं I इनसे हम अपनी स्वाधीनता और गौरव की रक्षा के लिए बलिदान देने का पाठ सीखते हैं I इसलिए कवि ने कह दे अतीत अब मौन त्याग ऐसा कहा है I
 ऐतिहासिक घटनाओं के आधार पर कवि ने वीरों का वसंत बताया है I हनुमान द्वारा लंका को जलाना ,कुरुक्षेत्र में महाभारत युद्ध ,हल्दीघाटी में राणा प्रताप तथा सम्राट अकबर का युद्ध ,तानाजी द्वारा सिंह गड विजय यह हमारे इतिहास की बहुत प्रेरक घटनाएं हैं I इन्हीं के आधार पर कवि ने वीरों का वसंत कैसा हो यह बताया है I
 निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर विस्तार से लिखिए :
वीरों का कैसा हो वसंत इस पंक्ति को अपने शब्दों में कविता के आधार पर समझाइए I
वसंत ऋतु चारों तरफ बिखरे अपने प्राकृतिक सौंदर्य के कारण सबसे सुंदर रितु मानी जाती है I सुंदर ,सुगंधित और रंग रंग के फूल बहारों का गुंजन ,रंग बिरंगी उड़ती तितलियां और सुहावनी हवा इस ऋतु की विशेषताएं हैं I परंतु यह वीरों का वसंत नहीं है I वीरों का वसंत वह है जिसमें स्वतंत्रता और स्वाभिमान के लिए संघर्ष होता है I वीरों का वसंत वह है जिसमें अन्याय और अधर्म का नाश करने के लिए शूरवीर हंसते-हंसते अपना बलिदान देते हैं I
 हल्दीघाटी और शिवगढ़ से कवि का क्या तात्पर्य है ?
मुगल सम्राट अकबर अनेक राजपूत राजाओं को अपने चाहता था I परंतु सफल नहीं हुआ I महाराणा प्रताप अपनी स्वाधीनता गांवI आने के लिए तैयार नहीं हुए I अंत में हल्दीघाटी के मैदान में अकबर और राणा प्रताप की सेनाओं में भयंकर युद्ध हुआ I इसी प्रकार सिंह गढवी मुसलमान शासक के अधीन था I उस पर अधिकार करने के लिए शिवाजी महाराज के वीर सरदार तानाजी ने उस पर आक्रमण किया I कड़ी टक्कर के बाद सिंह गड हाथ में गया पर अद्भुत वीरता दिखाते हुए तानाजी मालसुरे शहीद हो गए I कवि कहना चाहते हैं कि हल्दीघाटी और शिवगढ़ के संघर्ष बताते हैं कि वीरों का वसंत कैसा होना चाहिए
 एक कलम बंधी स्वच्छंद नहीं ससंदर्भ समझाइए I
वीरों का वसंत कैसा हो यह कविता कब लिखी गई थी जब देश पर अंग्रेजों का शासन था I अंग्रेजी सत्ता में देश में दमन चक्र चला रखा था I उस समय अंग्रेजों के अन्याय के विरुद्ध लिखना अपराध माना जाता था I ऐसा लिखने वालों को कड़ी सजा दी जाती थी I उनकी रचनाएं जप्त कर ली जाती थी I उसी संदर्भ में कभी लिखता है कि मेरे लिखने पर पाबंदी है I मैं चाहूं तो भी कुछ खुलकर लिख नहीं सकता I
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23. जब मैंने पहली पुस्तक खरीदी

स्वाध्याय
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लिखिए :
मां की स्कूली पढ़ाई पर जोर देने से लेखक की पढ़ाई पर क्या असर हुआ ?
बालक भारती बाहर की पुस्तकें और पत्र पत्रिकाएं ही ज्यादा पढ़ते थे I मां को चिंता रहती थी कि बिना कक्षा की किताबें पढ़े लड़का पास कैसे होगा ? एक दिन पिता ने पुत्र से वादा कर आया कि वह पाठ्यक्रम की किताबें भी ध्यान से पड़ेगा और मां की चिंता दूर करेगा I बालक भारती पर इसका असर हुआ उन्होंने जी तोड़ मेहनत कि जिससे तीसरी और चौथी कक्षा में उनके अच्छे अंक आए पांचवी कक्षा में वह फर्स्ट आए तो मां की आंखों में आंसू गए I उस ने बेटे को गले से लगा लिया I
 लेखक की प्रिय पुस्तक कौन सी थी ? वह किन बातों से संबंधित थी ?
लेखक की प्रिय पुस्तक स्वामी दयानंद सरस्वती की जीवनी सत्यार्थ प्रकाश थी I उसमें ऐसी ऐसी घटनाएं थी जिनमें तत्कालीन पाखंडों का विरोध करने में स्वामी जी ने अदम्य साहस दिखाया था I स्वामी जी मूर्ति पूजा के विरोधी थे I ईश्वर और सत्य की खोज में वे तीर्थों जंगलों में खूब भट्ट के थे और उन्होंने साधुओं का संघ किया था I वह वीडियो का खंडन करते थे I उन्होंने अपने हत्यारे को क्षमा कर दिया था I इस तरह दयानंद जी से संबंधित अनेक बातें बड़ी रोचक शैली में उनकी जीवनी में दी गई है I
 मां के दिए हुए रुपयों का लेखक ने क्या किया ? क्यों ?
मां ने भारती जी को पिक्चर देखने के लिए 2 दिए थे I वह चाहती थी कि इन रुपयो से टिकट लेकर लेखक अपना मनोरंजन करें I लेकिन लेखक ने ऐसा नहीं किया उसने मां के दिए हुए रुपयों से Devdas नाम की पुस्तक खरीद ली I इसका कारण यह है कि लेखक के मन में किताबें इकट्ठी करने की धुन सवार हो गई थी I
 निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दो दो वाक्यों में लिखिए :
बचपन में लेखक के घर में कौन-कौन सी पत्रिकाएं आती थी ?
लेखक के घर में आर्य मित्र, साप्ताहिक वेदों जय ,सरस्वती और गृहिणी यह पत्रिकाएं आती थी I इनके अलावा बालसखा और चमचम यह दो बाल पत्रिका एक हास्य लेखक के लिए आती थी I
 बचपन में लेखक को स्वामी दयानंद जी की जीवनी क्यों पसंद थी ?
स्वामी दयानंद जी की जीवनी रोचक शैली में लिखी हुई थी और अनेक चित्रों से सुसज्जित थी I उसमें स्वामी जी के जीवन की अनेक रोमांचक घटनाएं थी I जो लेखक को प्रभावित करती थी I इसलिए बचपन में लेखक को स्वामी दयानंद जी की जीवनी अधिक प्रिय थी I
लेखक को अंग्रेजी में सबसे अधिक अंक आने के बाद उपहार में कौन सी दो पुस्तकें मिली थी और उनसे लेखक को क्या जानकारी प्राप्त हुई ?
अंग्रेजी में सबसे अधिक अंक पाने पर लेखक को उपहार में दो अंग्रेजी पुस्तके मिली थी I पहली पुस्तक के लेखक को पक्षियों की जातियों उनकी बोलियां और आदतों के बारे में जानकारी मिली I दूसरी पुस्तक ट्रस्टी दरद थी जिससे लेखक को पानी के प्रकारों तथा नाभि को और मछलियों के बारे में जानकारी प्राप्त हुई I
 लेखक की मां ने लेखक को कितने रुपए दिए ? क्यों ?
लेखक की मां ने लेखक को पिक्चर देखने के लिए ₹2 दिए थे लेकिन लेखक पुस्तक की दुकान से 10 आने की Devdas नाम की पुस्तक खरीदते हैं I
 निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक-एक वाक्य में लिखिए :
लेखक को बचपन से क्या शौक था ?
लेखक को बचपन में पाठ्यक्रम से बाहर की पत्रिकाएं पुस्तकें आदि पढ़ने का शौक था I
 लेखक के पिता कहां के प्रधान थे ?
लेखक के पिता रानी मंडी स्थित आर्य समाज संस्था के प्रधान थे I
 लेखक की प्रिय पुस्तक कौन सी थी ?
लेखक की प्रिय पुस्तक स्वामी दयानंद सरस्वती की जीवनी सत्यार्थ प्रकाश थी I
 लेखक कौन सी फिल्म देखने गए ?
मां ने फिल्म देखने के लिए ₹2 दिए थे लेकिन लेखक ने Devdas नाम की पुस्तक खरीद ली I फिल्म नहीं देखी I
 लेखक की मां की आंखों में आंसू क्यों गए ?
कल्पना ना होने पर भी भारती जी पांचवी कक्षा में फर्स्ट आए तो खुशी के मारे मां की आंखों में आंसू गए I
 निम्नलिखित शब्दों के हिंदी शब्द लिखिए
 लाइब्रेरी - ग्रंथालय
थिएटर - चलचित्र घर
पिक्चर - चित्र
इंडिया - भारत
लाइब्रेरियन - ग्रंथपाल
निम्नलिखित शब्दों के विरुद्धार्थी शब्द लिखिए
आरंभ X अंत
आनंद X शौक
जीवन X मृत्यु
छोटा X बड़ा
दुख X सुख
 निम्नलिखित वाक्यों में से साधारण, संयुक्त तथा मिश्रित वाक्य को पहचान कर नाम लिखिए :
संयुक्त वाक्य
साधारण वाक्य
संयुक्त वाक्य
मिश्रित वाक्य
साधारण वाक्य
 संधि विग्रह कीजिए
 वीरोचित - वीर + उचित
रमेश - रमा + इस
देवों चित - देव + उचित
सुरेश - सुर + इस
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21. क्रांतिकारी शेखर का बचपन

एक एक वाक्य में उत्तर दीजिए :
शेखर ने बाहर घूमने मिलने जाना क्यों छोड़ दिया ?
शेखर ने बाहर घूमने मिलने जाना छोड़ दिया क्योंकि, पहनने के लिए देसी कपड़े उसके पास पर्याप्त नहीं थे I
शेखर के मस्तिष्क में कैसी पुकार पहुंचती थी ?
शेखर के मस्तिष्क में एक नाटक का लेखक होने के पुकार पहुंचती थी I
शेखर ने आग कैसे जलाई ?
शेखर ने घर के दीयों से मिट्टी का तेल लेकर उसे आग जलाई I
शेखर गला खोलकर क्या गाने लगा ?
शेखर गला खोलकर गाने - लगा गांधी जी का बोलबाला, दुश्मन का मुंह काला I अंग्रेजी बालक ने जवाब में क्या कहा ?
अंग्रेजी बालक ने शेखर को चुप देखकर अपना नाम बताया और पूछा क्या तुम स्कूल में पढ़ते हो ?
दो तीन वाक्य में उत्तर दीजिए :
घर के सदस्य बाहर गए तब शेखर ने क्या किया ?
घर के सदस्य बाहर गए तब शेखर ने घर के सभी कमरों में से विदेशी कपड़े लेकर नीचे एक खुली जगह में इकट्ठे किए उन के ढेर पर मिट्टी का तेल डाला और आग लगा दी I
शेखर के नाटक का विषय क्या था ?
शेखर के मन में एक स्वाधीन लोकतंत्र भारत की छवि बसी थी I जिसके राष्ट्रपति महात्मा गांधी थे I उसमें कताई, बुनाई जैसी गांधी जी की प्रवृत्तियां और असहयोग आंदोलन का समावेश था I शेखर का यह स्वप्न है उसके नाटक की हलचल में भी समाविष्ट था I
अंग्रेजी बालक के प्रश्न का उत्तर शेखर ने क्यों नहीं दिया ?
अंग्रेजी बालक के स्वर में अहंकार था I वह अपने अंग्रेजी ज्ञान का परिचय देना चाहता था I शेखर को उसका प्रश्न बुरा और अपमानजनक भी लगा I इसलिए उसने अंग्रेजी बालक के प्रश्न का उत्तर नहीं दिया I
पिता ने अर्द्ध स्वर में शिखर को क्या कहा ?
शेखर ने अंगरेजी बालक के किसी भी प्रश्न का उत्तर नहीं दिया I पिता नहीं चाहते थे कि वह बालक शेखर को अंग्रेजी से अनभिज्ञ समझे I इसलिए उन्होंने विरुद्ध स्वर में शेखर से कहा - उत्तर क्यों नहीं दिया I क्या तुम्हारा मुंह टूट गया है ?
शेखर उत्तर ना देने में कैसे बच गया ?
शेखर ने अंग्रेजी बालक के प्रश्नों के उत्तर में एक दम पिता इस बारे में शेखर को उसके चुप रहने का कारण जानना चाहते थे I किंतु तभी ट्रेन गई और शेखर उत्तर देने से बच गया I
घर आकर पिता ने मां से क्या कहा ? क्यों ?
बांकीपुर स्टेशन पर शेखर ने बालक के अंग्रेजी प्रश्नों के उत्तर ना देकर चुप्पी साध ली थी I इससे पिता को क्रोध के साथ दुख भी हुआ था I घर आकर उन्होंने शेखर की मां से कहा - हमारे लड़के बुद्धू है I किसी के सामने उनका मुंह नहीं खुलता I
सविस्तार उत्तर लिखिए :
शेखर के मन में विदेशी मात्र के प्रति घृणा क्यों हो गई थी ?
महात्मा गांधी ने देश में असहयोग आंदोलन शुरु किया था I चारों तरफ स्वदेशी की हवा बहने लगी थी I शेखर के मन पर इसका गहरा  प्रभाव पढ़ा था I वह गांधीजी के प्रति अपार श्रद्धा रखता था I गांधी जी स्वदेशी वस्तुओं के उपयोग का आग्रह करते थे I विदेशी वस्तुएं देश के पराधीनता की प्रतीक बन गई थी I इसलिए शेखर के मन में विदेशी मात्र के प्रति घृणा हो गई थी I
शेखर के घर में अंग्रेजी भाषा के प्रति गहरा प्रभाव था - ऐसा हम कैसे कह सकते हैं ?
शेखर के पिता और भाई घर में अंग्रेजी में बात करते थे I पिता शेखर को भी भाइयों के साथ अंग्रेजी में बात करने के लिए प्रोत्साहित करते थे I शेखर भी शैशव से अंग्रेजी बोलता था I शेखर की पहली आया इसआई थी और अंग्रेजी बोलती थी I उसका पहला गुरु भी एक अमेरिकन मिशनरी था I जो दिन भर अंग्रेजी बोलता था I शेखर को ऐसा लगता था जैसे अंग्रेजी ही उसके परिवार की मातृभाषा हो I परिवार में अंग्रेजी के प्रति ऐसा प्रेम देखकर हम कह सकते हैं कि शेखर के घर में अंग्रेजी भाषा का गहरा प्रभाव था I
शेखर का चरित्र चित्रण कीजिए I
शेखर एक कोमल मन का किशोर था I गांधी जी के असहयोग आंदोलन का उस पर गहरा प्रभाव पड़ा था I स्वदेशी की हवा से प्रेरित होकर उसे विदेशी मात्र से जुड़ना हो जाती है I वह अपने घर के विदेशी वस्त्रों को खुशी-खुशी जला देता है I वह अंग्रेजी माध्यम का विद्यार्थी है पर अंग्रेजी को विदेशी भाषा मानकर उससे नफरत करता है और हिंदी पढ़ने में रुचि लेता है I वह अंग्रेजी बालक के अंग्रेजी में पूछे गए प्रश्नों का उत्तर नहीं देता I पिता द्वारा बुद्धू कहलाना स्वीकार करता है, पर अंग्रेजी बोलना उसे स्वीकार नहीं I इस प्रकार शिखर गांधी युग का एक प्रिय बाल पात्र हैं I
शेखर ने नाटक लिखना कब आरंभ किया ?
शेखर असहयोग और स्वदेशी आंदोलनों से अत्यंत प्रभावित था I उसे विदेशी मात्र से घृणा हो गई थी I अंग्रेजी भाषा से भी वह बेहद नफरत करने लगा था I परिवार के नियंत्रण के कारण वह सक्रिय रुप से किसी आंदोलन में भाग नहीं ले सकता था I उसने नाटक लिखना आरंभ किया I शेखर को गांधीजी के प्रति अपनी अपार श्रद्धा व्यक्त करनी थी I साथ ही उसे अपने हिंदी ज्ञान को भी प्रभावित करना था I  इसलिए अपनी भावनाओं को प्रकट करने के लिए शेखर ने नाटक लिखना आरंभ किया I
विलोम शब्द लिखिए :
सहयोग x असहयोग
विदेशी x स्वदेशी
बाहर x भीतर
दुश्मन x दोस्त
अंकुश x निरंकुशता
समानार्थी शब्द लिखिए
अनुमति - आज्ञा
कष्ट - तकलीफ
निरंतर - लगातार
आजाद - स्वतंत्र
मुहावरे के अर्थ लिखकर वाक्य में प्रयोग कीजिए :
मुंह काला होना - बदनाम होना
बुरे कर्म करोगे तो मुंह काला होगा I
घृणा होना - नफरत होना
पाप से घृणा करो पापी से नहीं I
बाध्य होना - विवश होना
बालक की जिद के सामने मां को बाध्य होकर उसे खिलौना दिलाना पड़ा I


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